सोनौली महराजगंज
भारत नेपाल बॉर्डर ओर तस्करी रुकने का नाम नही ले रहा वही सरहद के सभी नाको पर जहां तस्करी की सामान बरामद और तस्कर गिरफ्तार होता रहता है, वही नगर पंचायत सोनौली का एक क्षेत्र ऐसा भी है जो तस्करी का प्रमुख मार्ग होते हुवे भी एक भी तस्कर की गिरफ्तारी ना होना सवाल उतपन्न कर रहा है।
विदित हो कि, भारत नेपाल बॉर्डर सोनौली में जहां तस्कर और तस्करी पर सुरक्षा एजेंसियां नकेल कसने की पुरजोर कोशिश करती है वही नगर पंचायत सोनौली का प्रेम नगर कालोनी जो कि, दिन भर सन्नाटे और वीराने में रहता वही रात के अंधेरे में तस्करी का सुगम मार्ग बन गुलजार हो जाता है। सफेद सोना के रूप में प्रख्यात लहसुन का कारोबार इस समय चरम रूप से हो रहा है।
सफेद सोना के रूप में चायनीज लहसुन नेपाल में 70 रुपये किलो के भाव मे चल रहा है जबकि बॉर्डर पार करते ही इसकी कीमत 250 से 280 भारतीय रुपये हो जाता है। भारी मुनाफाखोरी के कारण चायनीज लहसुन की तस्करी इस समय भारी मात्रा में जारी है मगर तस्करो को इस मार्ग पर किसी तरह की कोई रोकथाम नजर नही आता जिस कारण प्रेम नगर कालोनी रात भर गुलजार रहता है।
बताते चले कि, दिनांक 6 सितम्बर 2024 को शाम के करीब 3:30 बजे जगरनाथ स्कूल के पिछली गली से सरहद की तरफ प्रेम नगर कालोनी जाने वाली पानी और कीचड़ से सनी मार्ग पर मिट्टी डलवा कर मार्ग चुस्त दुरुस्त करते नजर आए। हालांकि पूछने पर किसके द्वारा मिट्टी डलवाया गया है इसका जवाब देने के बजाय लोग वह से चुपचाप निकल गए। और मिट्टी को जैसे तैसे छोड़ गए जो खबर लिखे जाने तक उसी हालत में पड़ी हुई है।
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली कि, बॉर्डर पर सक्रिय पूर्व चीनी तस्कर माफिया अब कैसिनो का प्रमुख दलाल बन चुके स्मार्ट युवा चीनी तस्करो एवं सफेद सोना चायनीज लहसुन तस्करो को खादी और खाकी के सहयोग से तस्करो के गिरोह को अपना संरक्षण दे रहा है। यह बताया जाता है कि, उसका एक भाई अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह कर चीनी और लहसुन को बॉर्डर पर ही जगरनाथ स्कूल गली में डम्प करता है।