कंगाली और दिवालियापन के कगार पर खड़ा नेपाल देश ने सहयोग में भारत से मांगी कार और बाइक

 


नेपाल


भारत के पड़ोसी देश नेपाल की संसद सचिवालय ने भारत सरकार से 38 कारों और 75 मोटरसाइकिलों की मांग करते हुवे सहायता के लिए हाथ फैलाया है, नेपाल की संघीय संसद सचिवालय की दलील है कि, इस मांग से सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।


नेपाल से यह पहल राष्ट्र के वित्त मंत्रालय के माध्यम से भारतीय सहायता प्राप्त करने के लिए की गई है, और इस संबंध में संबंधित कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। संसद सचिवालय के प्रवक्ता एकराम गिरी ने मीडिया को बताया कि आवश्यक वाहनों की मांग के लिए समन्वय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने आवश्यक वाहनों के लिए कुछ समन्वय बनाया है और हमें भारत सरकार से सहयोग मिलने की उम्मीद है।


अधिकारियों का मानना है कि भारत से अपेक्षित सहायता प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। इसलिए इस दिशा में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है। संसद सचिवालय ने वित्त मंत्रालय के माध्यम से यह प्रस्ताव भारतीय सरकार के सामने प्रस्तुत किया है और इस पहल को लेकर नेपाल द्वारा भारत से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद बताई जा रही है।


नेपाल भ्रमण में गए दुराचार और लूट कांड के शिकार हुवे भारतीय पर्यटक मैक्स मिश्रा गोरखपुर निवासी ने बताया कि, नेपाल में भारतीय पर्यटकों एवं भ्रमण में गए लोगो के साथ दुराचार की घटनाएं आम है, नेपाल में भारतीय यात्रियों के साथ लूटकांड आम बात हो गई है वही नेपाल सरकार इस पर सुधार लाने जैसे किसी भी विषय के पक्ष में नही है फिर भी कंगाल और दिवालिया होने के कगार पर खड़ा नेपाल भारत से समन्वय बनाने जैसे बात और सहयोग की भावना सिर्फ निजी स्वार्थ को लेकर नजर आ रहा है।


नेपाल टूर्स से जुड़े एक भारतीय ने बताया कि, नेपाल के साथ विदेश नीति पर भारत को अपने देश के नागरिकों के हितों को लेकर कोई निर्णय लेना चाहिए, ऐसे देश को लाभ देने का कोई सवाल ही नही बनता जो भारतीय पर्यटकों को लगातार निशाने पर रखता हो।

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