नेपाल
बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सभा हॉल में 2569वीं बुद्ध जयंती समारोह और मुख्य लुम्बिनी दिवस समारोह शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने समारोह का उद्घाटन किया। समारोह में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री पांडे, लुम्बिनी के मुख्यमंत्री चेत नारायण आचार्य, संघीय और प्रांतीय सांसद, विभिन्न देशों के राजदूत, भिक्षु, भिक्षुणियाँ, उपासक और आम जनता उपस्थित थे,बुद्ध जयंती के उपलक्ष्य में बीते रविवार को लुम्बिनी में विभि
न्न कार्यक्रम शुरू हुए।
आज सोमवार को मुख्य समारोह के साथ ही कपिलवस्तु के तिलौराकोट, रूपन्देही के देवदहा तथा पश्चिमी नवलपरासी के रामग्राम में कल मंगलवार तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
लुम्बिनी विकास निधि बुद्ध जयंती मनाने के लिए 10 मिलियन रुपये का बजट खर्च कर रही है।
मुख्य समारोह से पहले सुबह मायादेवी मंदिर परिसर से कार्यक्रम स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई।जिस मे भारत सहित अनेक देशो के नागरिक मौजूद रहे
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि नेपाल बौद्ध शिक्षाओं को आत्मसात कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते संघर्ष को समाप्त करने का अनुरोध कर रहा है।
उन्होंने कहा, "पिछले सप्ताह जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उत्पन्न हुआ था, तब भी हमने शांति का अनुरोध किया था।" "हमारे अनुरोध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई बंद हो गई।" उन्होंने कहा कि बौद्ध शिक्षाओं का महत्व आज भी व्यक्तियों, परिवारों और देशों के लिए अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि चूंकि विश्व में सामूहिक विनाश के हथियारों का विकास खतरनाक है, इसलिए हमें उन्हें समाप्त करने के लिए विश्व शांति की दिशा में काम करना चाहिए।
सोमवार सुबह विमान से उधर का खाना खाकर सो गए
संस्कृति, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि वह लुम्बिनी को विश्व में आध्यात्मिक अध्ययन एवं चिंतन का केन्द्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, "हम लुम्बिनी मास्टर प्लान को पूरा करने के लिए तैयार हैं।" "हम लुम्बिनी के साथ-साथ वृहत्तर लुम्बिनी क्षेत्र के लिए विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों में लुम्बिनी के प्रति अपनेपन की भावना को बढ़ाकर इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।