सोनौली महराजगंज
भारत-नेपाल सीमा के सबसे व्यस्त प्रवेश द्वार सोनौली बॉर्डर पर शनिवार को कस्टम विभाग के शीर्ष अधिकारियों का विशेष दौरा चर्चा का विषय रहा। सुबह से ही कस्बे में हलचल बनी रही और सीमा शुल्क कार्यालय में अधिकारियों का आना-जाना तेज रहा। आम दिनों के मुकाबले बॉर्डर पर गाड़ियों का जाम बेहद कम देखने को मिला और यात्री निर्बाध रूप से सीमा पार करते नजर आए।
आला अधिकारियों की संयुक्त टीम पहुंची सोनौली
दोपहर में कस्टम विभाग की एक बड़ी टीम सोनौली बॉर्डर पर पहुंची, जिसमें शामिल थे—
योगेंद्र गर्ग, सदस्य (आईटी एवं टीपीएस), CBIC
संजय गुप्ता, मुख्य आयुक्त, कस्टम दिल्ली
रणजीत कुमार, आयुक्त (निवारक), लखनऊ
तपन कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक, DGs & DM
ऋग्वेद ठाकुर, संयुक्त आयुक्त (आईटी एवं सीवी)
वैभव कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक, DGs & DM
अनीश गुप्ता, एडीसी, कस्टम (निवारक)
पुनीत गुनावत, संयुक्त आयुक्त, अमृतसर
यह टीम सबसे पहले सोनौली स्थल सीमा शुल्क कार्यालय पहुंची और उप सहायक आयुक्त सहित स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात कर सीमा पर चल रहे कार्यों और व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। इसके बाद अधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और सुरक्षा, प्रशासनिक तथा व्यापारिक व्यवस्थाओं का गहन अध्ययन किया।
डिजिटल सुधारों पर विशेष जोर
दौरे के दौरान योगेंद्र गर्ग ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि सोनौली कस्टम कार्यालय की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई है।
वर्तमान में कौन-कौन सी प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन हैं
किन हिस्सों में अभी भी मैन्युअल प्रक्रिया चल रही है
इन दोनों पहलुओं पर बारीकी से चर्चा हुई। उन्होंने आश्वस्त किया कि जहां-जहां अब भी मैन्युअल व्यवस्था लागू है, उन्हें जल्द ही डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाएगा। इससे न केवल कार्य प्रणाली और अधिक पारदर्शी होगी, बल्कि यात्रियों और व्यापारियों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
व्यापार और यात्रियों को मिलेगा लाभ
कस्टम विभाग के इस दौरे को सोनौली बॉर्डर की भविष्य की डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्थाओं की नींव माना जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में यहां की प्रक्रियाएं और भी आसान होंगी—
यात्रियों को लंबी कतारों और जाम से राहत मिलेगी
व्यापारियों को तेज और सरल क्लियरेंस सुविधा उपलब्ध होगी
सीमा शुल्क विभाग की कार्यशैली अधिक साफ-सुथरी और जवाबदेह बनेगी
स्थानीय अधिकारियों की सक्रियता
इस मौके पर सोनौली कस्टम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने टीम को विस्तार से जानकारी दी और बॉर्डर पर आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों के समाधान हेतु सुझाव भी साझा किए।
सोनौली बॉर्डर पर कस्टम विभाग के आला अधिकारियों का यह दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि सीमा शुल्क व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाने की ठोस पहल माना जा रहा है। इससे भारत-नेपाल सीमा पर व्यापारिक गतिविधियां और यात्रियों की आवाजाही और अधिक सुविधाजनक और सहज होने की उम्मीद है।
आने वाले दिनों में सोनौली बॉर्डर पर लोगों को इस दौरे का प्रत्यक्ष लाभ मिलता दिखाई देगा।









