सोनौली महराजगंज
हाफिज सईद और मसूद अजहर के संगठन नेपाल की सीमा का दुरुपयोग कर सकते हैं: नेपाल राष्ट्रपति के सलाहकार ने जताई चिंता
काठमांडू/नई दिल्ली: पाकिस्तान में मौजूद वैश्विक आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर अब सीधे भारत-पाक सीमा से घुसपैठ के बजाय नेपाल के रास्ते भारत में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे हैं। इस गंभीर आशंका की पुष्टि खुद नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने की है।
9 जुलाई को काठमांडू में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में थापा ने कहा कि आतंकवाद अब दक्षिण एशिया की शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता पर चिंता जताई।
🔶 खुली सीमा, आसान रास्ता: बढ़ता खतरा
भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जहां यात्रियों के आवागमन पर कड़ी निगरानी नहीं होती। यही वजह है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन अब इस 'सॉफ्ट टारगेट' को अपने नेटवर्क विस्तार के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी होने के कारण अब आतंकवादी वैकल्पिक रास्तों की तलाश में हैं, और नेपाल उनमें सबसे सहज विकल्प बनता जा रहा है।
🧾 नेपाल में बढ़ती मुस्लिम आबादी और स्लीपर सेल की आशंका
नेपाल में हिन्दू और बौद्धों के बाद मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है, खासकर भारत से सटे तराई इलाकों में। 2021 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी अब 4.27% हो चुकी है और ये समुदाय सात सीमावर्ती जिलों में केंद्रित है।
इन्हीं क्षेत्रों में आईएसआई समर्थित स्लीपर सेल की संभावित गतिविधियों को लेकर भी सुरक्षा एजेंसियों में सतर्कता बढ़ गई है। यहां फर्जी नेपाली दस्तावेज बनाना और पहचान छिपाना आसान माना जाता है, जिससे भारत में आतंकियों की घुसपैठ की आशंका और प्रबल हो जाती है।
🤝 भारत-नेपाल सहयोग की जरूरत
राष्ट्रपति सलाहकार सुनील थापा ने भारत के साथ गहन खुफिया साझेदारी, मनी लॉन्ड्रिंग पर नियंत्रण और सीमा सुरक्षा में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि "आतंकवाद एक सीमा का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती है।"
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना करते हुए इसे आतंक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई बताया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया था।
📜 इतिहास गवाह है: 1999 में भी नेपाल बना था आतंक का रास्ता
1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को काठमांडू एयरपोर्ट से हाईजैक किया गया था। सुरक्षा चूक के चलते आतंकी फ्लाइट में घुसे और विमान को अफगानिस्तान ले जाकर यात्रियों को बंधक बनाया गया। ये घटना आज भी भारत-नेपाल सुरक्षा सहयोग की कमजोरियों की याद दिलाती है।
🔚 निष्कर्ष: समय रहते कदम जरूरी
भारत और नेपाल दोनों को अब साझा रणनीति, निगरानी तंत्र और स्थानीय मुस्लिम आबादी के बीच कट्टरपंथी विचारधाराओं की पहचान को प्राथमिकता देनी होगी। नेपाल की खुली सीमा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है, यदि समय रहते ठोस कदम न उठाए गए।









