तरबूज के बीजों को लेकर पुलिस-तस्करों में झड़प: रूपन्देही में तस्करी का नया तरीका उजागर


 

रूपन्देही (नेपाल) से विशेष रिपोर्ट


नेपाल रूपन्देही जिले में तस्करी के नए रूप का खुलासा हुआ है। रूपन्देही जिले में पुलिस और तस्करों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने एक मिनी ट्रक से 125 बोरी (लगभग 50 क्विंटल) खरबूजे के बीज बरामद किए हैं। यह बरामदगी उस समय हुई जब पुलिस ने संदेह के आधार पर ओमसतिया ग्रामीण नगर पालिका वार्ड नंबर 4, डांडा के पास एक मिनी ट्रक की तलाशी ली।


पुलिस ने बताया कि ट्रक की पंजीकरण संख्या बा.प्र.03-001 खा 1684 है। जांच के दौरान ट्रक से बड़ी मात्रा में खरबूजे के बीज बरामद किए गए, जिन्हें अवैध रूप से भारत भेजे जाने की आशंका जताई जा रही है।


तस्करी का नया ट्रेंड: बीजों के जरिए अवैध व्यापार


सूत्रों के अनुसार, तस्कर अब मक्का, मटर, अखरोट और खरबूजे के बीज जैसे कृषि उत्पादों की तस्करी में लग गए हैं। इन वस्तुओं का नेपाल में न तो उत्पादन होता है और न ही इनका निर्यात आधिकारिक रूप से किया जाता है। बताया जाता है कि तस्कर इन बीजों को तीसरे देशों से आयात कर नेपाल-भारत सीमा के पास के पतों का इस्तेमाल करते हुए भारत में भेज देते हैं।


रात के समय ये बीज अवैध रास्तों से कुलियों और स्थानीय एजेंटों की मदद से भारत की सीमा में पार कराए जाते हैं। यह पूरा नेटवर्क बेहद संगठित तरीके से काम करता है।


पुलिस की कार्रवाई और रणनीति


रूपन्देही जिला पुलिस कार्यालय के सूचना अधिकारी डीएसपी गणेश कार्की ने बताया कि बरामद किए गए खरबूजे के बीजों की अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रुपये है, जबकि जब्त मिनी ट्रक की कीमत भी लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है।


पुलिस ने ट्रक चालक राजकुमार मल्लाह (22 वर्ष), निवासी मायादेवी ग्रामीण नगर पालिका वार्ड नंबर 6, रूपन्देही को गिरफ्तार कर लिया है। बरामद ट्रक, बीज और चालक को मंगलवार को राजस्व जांच कार्यालय, बुटवल भेज दिया गया है, जहाँ आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।


राजस्व चोरी या विदेशी आयात की जांच


राजस्व जांच कार्यालय यह पता लगाने में जुटा है कि ये बीज राजस्व चोरी, विदेशी आयात उल्लंघन, या किसी अन्य संदिग्ध गतिविधि से जुड़े हैं या नहीं। प्रारंभिक जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि यह माल किसी तीसरे देश से नेपाल के रास्ते भारत भेजा जा रहा था।


पुलिस-तस्कर संघर्ष लगातार जारी


पुलिस सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से रूपन्देही जिला पुलिस तस्करों पर नकेल कसने के लिए लगातार सर्विलांस और गश्त अभियान चला रही है। पुलिस जहां कपड़ों, खाद्य सामग्री, हार्डवेयर और अन्य वस्तुओं की अवैध आवाजाही पर ध्यान केंद्रित कर रही थी, वहीं तस्करों ने अब बीज तस्करी का नया रास्ता अपना लिया है।


डीएसपी कार्की ने कहा,


“पुलिस तस्करों का मनोबल तोड़ने के लिए रणनीति बनाती है और उसे सख्ती से लागू करती है। लेकिन तस्कर हर बार नए-नए तरीके अपनाकर एक कदम आगे निकलने की कोशिश करते हैं। यह एक तरह की रस्साकशी है जो लगातार जारी है।”


सीमा पार तस्करी का नेटवर्क


सूत्र बताते हैं कि नेपाल के भीतर कुछ व्यवसायी और गोदाम मालिक तस्करों को सहयोग देते हैं। वे अपने पते का उपयोग करते हुए विदेश से बीज और कृषि उत्पाद आयात करते हैं, फिर उन्हें अवैध मार्गों से भारत भेज देते हैं।


सीमा पर पहुंचने के बाद ये माल रात में स्थानीय मज़दूरों (कुलियों) की मदद से गुप्त रास्तों से भारतीय इलाके में पहुंचाया जाता है। कई बार इनकी सुरक्षा के लिए स्थानीय गिरोह और दलाल सक्रिय रहते हैं।


निष्कर्ष


रूपन्देही में हुई इस बड़ी बरामदगी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत-नेपाल सीमा तस्करी के लिए अब भी संवेदनशील बनी हुई है। तस्कर लगातार अपने तरीकों को बदल रहे हैं, जबकि पुलिस और राजस्व विभाग इन पर नकेल कसने में जुटे हैं।


इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बीज और कृषि उत्पादों की तस्करी पर विशेष निगरानी बढ़ाने के संकेत दिए हैं।




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