रोटी बेटी का नारा बुलंद करने वाला भारत का सबसे खास व करीबी पड़ोसी राष्ट्र नेपाल कहने को तो मित्र राष्ट्र का दर्जा लिया है, मगर मित्रता की एक भी पहलू निभा नही पा रहा है, एक तरफ नेपाल से भारत की तरफ आने वाली नेपाली वाहन बिना किसी रोकटोक के बेधड़क भारत के नजदीकी बाजारों में बिना किसी कागजी खानापूर्ति के आ जा रही है तो वही नेपाल में जाने वाली वाहनों को सुविधा के नाम पर घण्टो लाइन में लगवाया जाता है।
यही नही भंसार नेपाल कस्टम के नाम पर भंसार गेट पर दलालों का बोल बाला है, आम भारतीय को घण्टो इंतजार के बाद भागमभाग करना पड़ता है, सुबह के 8 बजे पहुचे तो 11 बज जाते है पेपर वर्क में, इस तरह आधा दिन भंसार पर ही निकल जाता है, जिससे भारतीय वाहनों का भारी नुकसान होता है, वही एक ही काउंटर होने से भीड़ की लंबी लाइन देखने को मिलती है, जबकि भंसार पर सेटिंग कर दलालों के बोलबाला है।
इस सम्बंध में भारतीय सीमा क्षेत्र के नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने कई बार पहल की मगर नेपाल प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंगा, अगर कुछ मिला तो सिर्फ आश्वासन, बिगत माह पूर्व इसी समस्याओं को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र जायसवाल और भाजपा नेता कन्हैयालाल गुप्ता सहित भाजपा मंडल उपाध्यक्ष प्रेम जायसवाल ने भारतीय पत्रकारों के साथ सिद्धार्थ नगर के मेयर इश्तियाक अहमद खान से वार्ता की थी, उस समय भारतीय जनप्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया कि, रोजाना दो सुविधा काउंटर एवं शनिवार व रविवार को तीन से पांच सुविधा काउंटर खोला जाएगा, मगर कई माह बीत जाने के बाद भी नेपाल भंसार पर दूसरा काउन्टर तक चालू नही हुआ।
कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत नेपाल की मित्रता व रिश्ते दारी में सिर्फ भारत ही अपना हक अदा करता रहा है, जबकि नेपाल अपनी ओछी सोच के कारण भारतीय वाहनों एवं भारतीय नागरिकों के हितों को लेकर कतई संजीदा नही है
आज नेपाल लगभग कंगाली के राह पर खड़ा है, पूरी तरह पर्यटन पर आश्रित नेपाल में दिन ब दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है, ऐसे में भारतीय पर्यटक महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाई देते है, जबकि इसके विपरीत नेपाल में भारतीय वाहनों एवं पर्यटकों से धन उगाही होने की खबरे आम होती रहती है।
इस सम्बंध में जब स्थानीय भारतीय लोगो से3 बात की गई तो उन्होंने कहा कि, एक तरफ नेपाली नंबर गाडियां भारतीय सीमा क्षेत्र में 50 किलोमीटर चली जाती है, वह भी बिना किसी कागजी कार्यवाही के बेरोकटोक दिन रात विचरण करते रहते है, वही दूसरी तरफ भारतीय नंबर के वाहन नेपाल में बिना कॉस्टम के 500 मीटर भी नही जा सकती है, अगर गलती से कोई अनजाने में चला गया तो उसका वाहन सीज कर लिया जाता है।