सोनौली महराजगंज
भारत-नेपाल सीमा से सटे नौतनवा तहसील क्षेत्र के हरदीडाली गांव में वर्षों से बिना मान्यता के संचालित हो रहे दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा को प्रशासन ने सीज कर दिया है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह मदरसा कई वर्षों से संचालित हो रहा था, जहां स्थानीय बच्चों को मजहबी शिक्षा दी जा रही थी। मदरसे के संचालन को लेकर मिली शिकायतों के आधार पर जांच कमेटी का गठन किया गया था। बुधवार को जांच कमेटी ने तहसीलदार नौतनवा के साथ मौके पर पहुंचकर मदरसा संचालक मोहम्मद शोएब मौलाना से पूछताछ की और संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया।
मगर मदरसा प्रबंधन किसी प्रकार के वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार नौतनवा की मौजूदगी में मदरसे को सीज कर दिया गया।
इस कार्रवाई के बाद से क्षेत्र के अन्य मदरसों में भी हड़कंप मच गया है। प्रशासन की सख्ती को देखते हुए अब अन्य मदरसा संचालक भी अपने कागजात दुरुस्त कराने में जुट गए हैं।
इस संबंध में नौतनवा नायब तहसीलदार ने बताया कि जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि मदरसा अवैध रूप से संचालित हो रहा था, किसी भी सरकारी मान्यता या स्वीकृति का कोई प्रमाण नहीं दिया जा सका, जिसके कारण यह कठोर कदम उठाया गया है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बिना मान्यता के कोई भी शैक्षणिक संस्थान संचालित नहीं होने दिया जाएगा। जांच अभियान आगे भी जारी रहेगा।