गनेशपुर में यूरिया स्टॉक में गड़बड़ी, प्रशासन ने किया सख्त कार्रवाई

 


नौतनवां महराजगंज

नौतनवा: तहसील के गनेशपुर में खाद भंडारों में अनियमितता के गंभीर मामले सामने आए हैं। प्रशासन की छापेमारी के दौरान श्याम खाद भंडार और शिव खाद भंडार में स्टॉक रजिस्टर के अनुसार दर्ज यूरिया की मात्रा मौके पर नहीं पाई गई। प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर उपजिलाधिकारी एसडीएम नौतनवां ने दोनों दुकानों को सील कर दिया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र के किसानों में हड़कंप मच गया है, जो खाद की किल्लत से पहले ही परेशान हैं।


श्याम खाद भंडार में स्टॉक रजिस्टर से मेल नहीं

छापेमारी के दौरान श्याम खाद भंडार के स्टॉक रजिस्टर में 177 मेट्रिक टन यूरिया दर्ज था।  


मौके पर निरीक्षण करने पर एक भी किलो यूरिया नहीं मिला, जिससे कालाबाजारी की आशंका प्रबल हो गई है।  

दुकान संचालक ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके चलते एसडीएम ने तत्काल दुकान को सील करने का आदेश दिया।  

 प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और दुकान संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी है। 

शिव खाद भंडार भी जांच के दायरे में 

शिव खाद भंडार की दुकान छापेमारी के समय बंद पाई गई।  

रजिस्टर के अनुसार, दुकान से 40 मेट्रिक टन खाद का उठान दिखाया गया था, लेकिन मौके पर कोई खाद उपलब्ध नहीं था।  


दुकान संचालक ने दावा किया कि सारा खाद बिक चुका है, लेकिन बिना सत्यापन के यह दावा संदिग्ध पाया गया।  


प्रथम दृष्टया अनियमितता के आधार पर इस दुकान को भी सील कर दिया गया।  


किसानों की बढ़ी मुश्किलें


क्षेत्र के किसानों ने बताया कि खाद की कमी के कारण खेती का कार्य प्रभावित हो रहा है। गनेशपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया की कालाबाजारी और अनियमित वितरण की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई को किसानों ने स्वागत किया है, लेकिन साथ ही मांग की है कि खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।  


प्रशासन की सख्ती, आगे की कार्रवाई


एसडीएम नौतनवां ने कहा कि खाद वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोनों दुकानों के रजिस्टर और बिक्री के रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर दुकान संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने अन्य खाद विक्रेताओं को भी चेतावनी दी है कि नियमों का पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।  

इस घटना ने एक बार फिर खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को उजागर किया है। किसानों ने मांग की है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि खेती-किसानी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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