सोनौली (महराजगंज):
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 77वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को सोनौली नगर में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा नगर के ऐतिहासिक श्रीराम जानकी मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर भारत-नेपाल सीमा के नो मैन्स लैंड होते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः मंदिर परिसर में आकर सम्पन्न हुई।
तहसील प्रमुख नौतनवां सन्नी गुप्ता ने बताया कि इस शोभायात्रा का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना, संगठनात्मक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है। शोभायात्रा में एबीवीपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं, छात्रों और नागरिकों ने पारंपरिक परिधान में हाथों में तिरंगा लेकर भाग लिया। यात्रा के दौरान "भारत माता की जय", "वन्दे मातरम्" जैसे नारों से नगर गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष प्रेम जासवाल ने एबीवीपी के राष्ट्र निर्माण में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए युवाओं से सामाजिक व शैक्षिक क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहे:
महंत बाबा शिवनारायण दास, भाजपा नेता संजीव जायसवाल, व्यापारी नेता कृपाशंकर मद्धेशिया, योग गुरु अतुल चंद जायसवाल, आरएसएस नगर कार्यवाह गुरु मद्धेशिया, डॉ. दिलीप यादव, भाजपा आईटी सेल मनोज मद्धेशिया, युवा नेता विकास मिश्रा, सोनू शाह, अंजनी जायसवाल, जयसिंह मद्धेशिया, रामबचन गुप्ता, सुनील जायसवाल, अखिलेश मद्धेशिया, अभिषेक श्रीवास्तव (जिला संगठन मंत्री, महराजगंज), विराज मद्धेशिया (तहसील संयोजक), किशन मद्धेशिया (प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य), सूरज जायसवाल (नगर आंदोलन संयोजक), आशुतोष अग्रहरी (एसएफडी सह संयोजक), आशुतोष यादव, परमजीत पासवान, अनिल कुमार, दयासागर, आकाश यादव सहित अन्य गणमान्य लोग।
शैक्षिक संस्थानों से भी बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शोभायात्रा में शामिल हुए:
सरस्वती विद्या मंदिर के शिक्षक दूधनाथ यादव, सुभाष त्रिपाठी, वीरेंद्र गुप्ता, विष्णुजीत चौबे;
बालवाटिका प्ले स्कूल की अध्यापिकाएं दीपमाला कान्दू, अंकिता अग्रहरी, माही शाह, सनोवर खातून;
आइडियल पब्लिक स्कूल से आनंद कुशवाहा, इंद्रजीत यादव;
सुभाष चंद्र बोस हाई स्कूल के शिक्षक रामसुरेश।
पूरे नगर में यात्रा का स्वागत किया गया और आमजन ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर एबीवीपी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। शोभायात्रा के समापन पर मंदिर प्रांगण में सामूहिक राष्ट्रगान का आयोजन भी किया गया।










