सोनौली महराजगंज
देश भर में फैल चुके जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 63 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य सेवा विभाग के अंतर्गत परिवार कल्याण प्रभाग, बाल स्वास्थ्य और टीकाकरण अनुभाग के प्रमुख डॉ. अभियान गौतम के अनुसार, तेहराथुम, बारा, मोरंग, झापा, नवलपरासी पश्चिम, कैलाली, प्यूथान और अर्घाखांची जिलों से एक-एक व्यक्ति और चितवन से तीन लोगों की मौत हुई है।
मरने वालों में एक आठ वर्षीय, एक 17 वर्षीय और 40 वर्ष से अधिक आयु के नौ लोग शामिल हैं। पिछले साल, 2024 में, इस बीमारी के कारण 25 लोगों की मौत हुई थी और 86 लोग संक्रमित हुए थे।
डॉ. गौतम के अनुसार, जापानी इंसेफेलाइटिस एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलती है, जो मस्तिष्क को संक्रमित करते हैं। ये मच्छर ज़्यादातर शाम और सुबह के समय सक्रिय होते हैं।
धान के खेत, दलदल और जलभराव वाले इलाके क्यूलेक्स मच्छरों के प्रजनन के लिए उपयुक्त होते हैं, इसलिए ऐसे इलाकों में संक्रमण का खतरा ज़्यादा होता है। खासकर जब वायरस सूअर, बत्तख और मुर्गियों जैसे जानवरों से मच्छरों में फैलता है, तो उन मच्छरों द्वारा इंसानों को काटने पर बीमारी फैलने का खतरा होता है। हालाँकि, यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है।
कहते हैं कि जापानी इंसेफेलाइटिस श्रावण से कार्तिक तक सबसे ज़्यादा फैलता है। अब तक देश भर में 82 प्रतिशत बच्चों को इसका टीका लगाया जा चुका है। हालाँकि, उन्होंने बताया कि जिन लोगों को टीका नहीं लगा है, उनमें संक्रमण का ख़तरा अभी भी ज़्यादा है।









