सोनौली।महराजगंज
नेपाल में जारी आंदोलन और हिंसक घटनाओं के चलते भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर तनाव गहराता जा रहा है। हालात को देखते हुए भारतीय क्षेत्र से मालवाहक ट्रकों को नेपाल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा, जिससे दोनों देशों के बीच आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। अनुमान है कि प्रतिदिन करीब 100 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
मंगलवार को नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के विरोध में युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने भैरहवा भंसार कार्यालय में आगजनी कर दी, जिससे सरहद पर तनाव और बढ़ गया। इसके बाद नेपाली प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से भारत से आने वाले मालवाहक वाहनों को रोकने का अनुरोध किया, जिसके चलते भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रकों को सीमा के भीतर ही रोक दिया। सोनौली बॉर्डर पर करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है।
सामान्य दिनों में सोनौली सीमा से रोजाना 400-500 ट्रक नेपाल जाते हैं। मंगलवार सुबह आवश्यक वस्तुओं जैसे डीजल, पेट्रोल, गैस, खाद्यान्न, फल-सब्जी के वाहनों को नौ बजे तक प्रवेश मिला, लेकिन दोपहर के बाद भैरहवा और बुटवल में हिंसा भड़कने से स्थिति बिगड़ गई। बुधवार को भी सुरक्षा कारणों से नेपाली प्रशासन ने भारतीय वाहनों को प्रवेश नहीं दिया, जिससे सोमवार शाम चार बजे से बंद सीमा बुधवार को भी नहीं खुल सकी।
व्यापारियों में चिंता
स्थानीय कारोबारी दीपेश गोयल ने बताया कि गेंहू और चावल का बड़ा कारोबार नेपाल को होता है। उनकी पांच गाड़ियां सोनौली सीमा पर और 10 गाड़ियां रुपईडीहा सीमा पर सोमवार से फंसी हैं। माल खराब होने का भी खतरा है।
लॉजिस्टिक कारोबारी अशोक अग्रवाल (कोलकाता) ने बताया कि उनकी 22 गाड़ियां रविवार से सीमा पर अटकी हैं। चालक परेशान हैं और स्थिति कब सामान्य होगी, यह कहना मुश्किल है।
भैरहवा (नेपाल) के कारोबारी सुभाष कलवार ने कहा कि भारत से आलू-प्याज का कारोबार होता है, लेकिन मंगलवार से गाड़ियां भारतीय सीमा में ही खड़ी हैं। भंसार कार्यालय में आगजनी के बाद स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है।
कारोबारी वर्ग का कहना है कि यदि आंदोलन लंबे समय तक खिंचता है तो भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की कमी की समस्या भी खड़ी हो सकती है।









