सोनौली, महराजगंज।
नेपाल में जारी कर्फ़्यू और हिंसा के चलते भारत–नेपाल सीमा सोनौली पर ट्रक चालकों, यात्रियों और पर्यटकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इस संकट को देखते हुए भाजपा के बबलू सिंह लाल सिंह चौधरी के अगवाई में बुधवार को सोनौली कस्बे में राहत शिविर स्थापित कराने का दावा किया था।
लेकिन हकीकत में यह राहत शिविर शुरू होते ही दम तोड़ गया। शाम 8:30 बजे शुरू हुआ शिविर महज़ दो घंटे बाद 10:30 बजे बंद कर दिया गया। हैरानी की बात है कि न तो कोई यात्री वहाँ ठहरा और न ही कोई ज़िम्मेदार अधिकारी मौके पर नज़र आया।
रात भर भारी बारिश में फँसे पर्यटक और ट्रक चालक खुले आसमान के नीचे परेशान रहे जबकि राहत शिविर के टेंट और कुर्सियाँ वीरान पड़ी रहीं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह राहत शिविर सिर्फ़ “औपचारिकता” साबित हुआ — प्रचार ज़्यादा, राहत कम।
सीमा पर फँसे लोगों ने मांग की है कि लोग सिर्फ़ दिखावे की बजाय असली मदद करे और 24 घंटे सक्रिय राहत व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराए।









